Description
हरित ऋषि के शिषà¥à¤¯ और महादेव के परमà¤à¤•à¥à¤¤ कालà¤à¥‹à¤œ ने बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ में हिनà¥à¤¦ की संयà¥à¤•à¥à¤¤ सेना और अरबियों के मधà¥à¤¯ हà¥à¤ यà¥à¤¦à¥à¤§ में à¤à¤¸à¥‡ शौरà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया कि उसकी गूà¤à¤œ बगदाद की राजधानी ईराक तक पहà¥à¤à¤šà¥€ | विजय के उपरांत सिंधॠनरेश राय दाहिरसेन ने ईराक के सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ अलहजाज और खलीफा अल वालिद बिन अबà¥à¤¦à¥à¤² मलिक को आलोर समेत अपने राजà¥à¤¯ के हर नगर से सैनिक चौकियाठहटाने की चेतावनी दी |r
इस अपमान के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¥‹à¤§ और सिंध को जीतने के लिठहजाज ने अपने सबसे योगà¥à¤¯ हाकिम मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ बिन कासिम को चà¥à¤¨à¤¾ | इधर कालà¤à¥‹à¤œ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ के यà¥à¤¦à¥à¤§ के उपरांत मेवाड़ के नागदा गà¥à¤°à¤¾à¤® में लौटा तो साबरमती के जल में दिखते पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤®à¥à¤¬à¥‹à¤‚ और उससे जà¥à¥œà¥‡ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने उसके हृदय के घाव पà¥à¤¨à¤ƒ हरे कर दिये | बिछड़े हà¥à¤ कà¥à¤› अपने मिले तो जीवन के अनेकों पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ सामने आकर खड़े हो गये | कà¤à¥€ मितà¥à¤°à¤µà¤¤ दिखायी पड़ने वाले सहचर संदेह के घेरे में आ खड़े हà¥à¤ | जीवनलकà¥à¤·à¥à¤¯ की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ संशय के अंधकार में मंद पड़नी आरंठहो गयी | r
वहीं मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ बिन कासिम, सिंध पर विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने की योजना बनाते हà¥à¤ धीरे-धीरे अपने लोगों और सिंध विदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ मिलकर उस राजà¥à¤¯ को दीमक की तरह चाटना आरमà¥à¤ कर चà¥à¤•à¤¾ था |r
दूसरी ओर जब कालà¤à¥‹à¤œ का परिचय अपने जीवन के उस अवांछित यथारà¥à¤¥ से हà¥à¤† तो उसे à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤¾à¤¨ हà¥à¤† मानों वो समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जीवन à¤à¤• मृगतृषà¥à¤£à¤¾ को सतà¥à¤¯ समà¤à¤•à¤° जीता रहा | किनà¥à¤¤à¥ अब उसके नेतà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर छाया संशय का अंधकार छà¤à¤Ÿ चà¥à¤•à¤¾ था और कालà¤à¥‹à¤œà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ रावल को à¤à¤²à¥€à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ था कि उसकी तलवार कौन से पकà¥à¤· का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ करेगी | हरित ऋषि के शिषà¥à¤¯ और महादेव के परमà¤à¤•à¥à¤¤ कालà¤à¥‹à¤œ ने बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ में हिनà¥à¤¦ की संयà¥à¤•à¥à¤¤ सेना और अरबियों के मधà¥à¤¯ हà¥à¤ यà¥à¤¦à¥à¤§ में à¤à¤¸à¥‡ शौरà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया कि उसकी गूà¤à¤œ बगदाद की राजधानी ईराक तक पहà¥à¤à¤šà¥€ | विजय के उपरांत सिंधॠनरेश राय दाहिरसेन ने ईराक के सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ अलहजाज और खलीफा अल वालिद बिन अबà¥à¤¦à¥à¤² मलिक को आलोर समेत अपने राजà¥à¤¯ के हर नगर से सैनिक चौकियाठहटाने की चेतावनी दी |
इस अपमान के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¥‹à¤§ और सिंध को जीतने के लिठहजाज ने अपने सबसे योगà¥à¤¯ हाकिम मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ बिन कासिम को चà¥à¤¨à¤¾ | इधर कालà¤à¥‹à¤œ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ के यà¥à¤¦à¥à¤§ के उपरांत मेवाड़ के नागदा गà¥à¤°à¤¾à¤® में लौटा तो साबरमती के जल में दिखते पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤®à¥à¤¬à¥‹à¤‚ और उससे जà¥à¥œà¥‡ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने उसके हृदय के घाव पà¥à¤¨à¤ƒ हरे कर दिये | बिछड़े हà¥à¤ कà¥à¤› अपने मिले तो जीवन के अनेकों पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ सामने आकर खड़े हो गये | कà¤à¥€ मितà¥à¤°à¤µà¤¤ दिखायी पड़ने वाले सहचर संदेह के घेरे में आ खड़े हà¥à¤ | जीवनलकà¥à¤·à¥à¤¯ की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ संशय के अंधकार में मंद पड़नी आरंठहो गयी |
वहीं मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ बिन कासिम, सिंध पर विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने की योजना बनाते हà¥à¤ धीरे-धीरे अपने लोगों और सिंध विदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ मिलकर उस राजà¥à¤¯ को दीमक की तरह चाटना आरमà¥à¤ कर चà¥à¤•à¤¾ था |
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