Description
गोवा के à¤à¤• होटल में à¤à¤• लड़की की लाश और à¤à¤• लड़का जिसकी बस साà¤à¤¸à¥‡à¤‚ चल रही थीं वो à¤à¥€ किसी à¤à¥€ वक़à¥à¤¤ रà¥à¤•à¤¨à¥‡ जैसी, मिलते हैं! पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के बाद जो कहानियाठà¤à¤• के बाद à¤à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥€ जाती हैं वो सब की सब सचà¥à¤šà¥€ मालूम होती हैं.. मगर सच तो उन कहानियों से अलग हक़ीक़त के à¤à¤• संदूक़ में बंद होता है जिसे खोलने में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को कितने ही फ़रेबों के दायरों को तोड़ना पड़ता है। असà¥à¤² में ये कहानी पà¥à¤°à¥‡à¤® के समनà¥à¤¦à¤° में उठने वाले à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤à¤µà¤° की है जिसे à¤à¤• अनजाने ने जनà¥à¤® दिया और फिर उसकी क़ीमत किसी को अपनी मौत से चà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥€ पड़ी। इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में डर है, सपने हैं, लालच है, सिलवटें हैं, दायरे हैं और पà¥à¤°à¥‡à¤® का à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤à¤µà¤° है जिससे कम ही लोग बच के निकल पाते हैं।
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