Description
कहानियाठसमाज का ही à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ होती हैं, हर कहानी समाज के किसी न किसी पहलू के विषय में बात करती है। कà¥à¤› कहानियाठवासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• होती हैं और कà¥à¤› कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤•, परंतॠहर कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• कहानी का कोई ना कोई वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• पहलू अवशà¥à¤¯ होता है। ‘इतà¥à¤¤à¥€-सी ख़à¥à¤¶à¥€â€™ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कहानियाठकालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• तो हैं पर इनका आधार कहीं न कहीं वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के इरà¥à¤¦-गिरà¥à¤¦ मà¤à¤¡à¤°à¤¾à¤¤à¤¾ है। कà¥à¤› कहानियाठहमसे पà¥à¤°à¥‡à¤® के विषय में बात करती हैं तो कà¥à¤› समाज में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के विषय में। कà¥à¤› कहानियाठहमें सावधान करती हैं तो कà¥à¤› हमें सही दिशा दिखाती हैं। ‘इतà¥à¤¤à¥€-सी ख़à¥à¤¶à¥€â€™ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कहानियों के माधà¥à¤¯à¤® से हमने समाज के कà¥à¤› मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को छूने की कोशिश की है।
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