Description
यह एक पौराणिक कथा है, इस कहानी से लगभग सभी परिचित होंगे, सावित्री के व्यक्तित्व से हमें कई तरह की प्रेरणा मिलती है, उसका धर्य,आत्मविश्वास दृढ़ निश्चय, एवं प्रेम और त्याग अनुकरणीय है। मैंने इस कहानी को नाट्य-शैली में लिखा है और इसके सभी संवाद काव्यात्मक-शैली में हैं, इसलिए मेरा विश्वास है यह किताब हर पीढ़ी के पाठकों को अवश्य पसंद आएगी। मैं मानती हूँ कि साहित्य सिंधु में मेरी यह किताब एक बूंद मात्र है, किंतु साहित्य में आंशिक योगदान देकर ही मुझे अपार खुशी की प्राप्ति हो रही है। साहित्य लेखन के क्षेत्र में मेरा अनुभव कम होने के बावजूद भी मैं अपनी महत्वाकांक्षा के दम पर इस क्षेत्र में हाथ आजमाने आ गई हूँ। इसलिए मेरी सृजन में त्रुटियों का होना स्वाभाविक है। मेरी लेखनी सफल तो तब होगी जब प्रबुद्ध पाठक मेरी इस छोटी सी कीर्ति को सम्मानपूर्वक पढ़कर अपनी स्नेहिल प्रतिक्रियाओं से मेरा उत्साहवर्धन करेंगे।


