Description
Arpita Dharti / Author: Sunil Bambhaniya / MRP: 290 / Pages: 250
Description: लाखों लोगों मे एक ऐसा इंसान हो सकता है, जो अपनी शक्तियों को जाग्रत कर सकता है। अगर अंदरूनी शक्तियाँ इंसान जाग्रत कर लेता हैं, तो वह हवा, पानी, आग और धरती पर होने वाली प्रक्रिया पर नियंत्रण कर सकता है। पृथ्वी का सबसे शक्तिशाली पाँच सितारों का शस्त्र, जिसमें धरती का सर्जन और विनाश करने की शक्ति है। कैशव को सिर्फ एक ही ख्वाहिश थी कि वह मरने से पहले पाँच सितारों के शस्त्र को देख सके। उस शस्त्र की मान्यता के आधार पर पृथ्वी वासी कैशव उस शस्त्र की खोज में निकलता है और वह अनजाने में अनजान जगह पर पहुँच जाता है। वहाँ उनका सामना हो जाता है एक न मिटने वाले दैत्य से, जो इंसानों को अपनी मुट्ठी में दबा कर बैठा होता है। भविष्यवाणी के मुताबिक सिर्फ एक तलवार ही उस दैत्य का सामना कर सकती है। मगर उसको मिटाना शायद संभावित नहीं था। क्या दैत्य के सिकंजे में से छूट कर कैशव पाँच सितारों का शस्त्र ढूँढ़ पाएगा?
Vijay Dhanush / Author: Yogesh Kumar / MRP: 280 / Pages: 232
Description: “विजय धनुष एक रोमांच से भरा उपन्यास है। कहानी का नायक योगेश दिल्ली से मुंबई आता हैं। वह फिल्म में अभिनय करने के सपने के साथ मुंबई में कदम रखता हैं। पर यहां उसके सारे पैसे चोरी हो जाते है। वह मन में एक देवता से जुड़ा है जो की सनी देवल कि आवाज में बाते करता है। वही उसे बताता है की उसे ईश्वर के कार्य के लिए चुना गया है। मुंबई में योगेश कई कई दिन भूखा रह कर दिन काटता हैं। वह वहां से दिल्ली वापस भी नही जा पाता है। पर फिर उसे सनी के द्वारा पता चलता है कि उसे जीवन में दानवों से युद्ध करना हैं। मुंबई में वह विजय धनुष और कई दिव्यास्त्र प्राप्त करता हैं। सनी उसे एक योद्धा बनाता हैं। वही उसे दानवों के बारे में बताता हैं। ये दानव मुंबई में वृक्षों के रूप में एक हजार साल से रह रहे है। सनी उसे जलपरी लोक के दानवों के बारे में भी बताता है। इस के अलावा योगेश एक हाथी के समान बलशाली होता है। पर उसे इतने बल के बारे में नहीं पता था सनी ही उसे कहता है ये बल ईश्वर ने छिपा रखा है। एक घटना के बाद वह अपना बल अपने अंदर पाता है जो की एक हाथी के समान बल होता है। सनी उसे बताता है की उसे दानवों के विरुद्ध युद्ध करना है। उसके जीवन का यही लक्षय है क्या वह इस युद्ध में विजय हो पाता है और दानवों का अंत वह कैसे करता हैं। जानने के लिए आप को किताब पढ़नी पड़ेगी। तो चल पड़िए एक रोमांचक किताब के सफर पर।”
Kachuo Ka Mahayudh / Author: Rajnesh Mittal / MRP: 300 / Pages: 296
Description: यह कहानी है महर्षियों और देवताओं की। यह कहानी है भगवान के अवतारों और मशीनी जंग की। यह कहानी है दिव्यलोकों की महारानियों और महाराजाओं की। यह कहानी है रोशनी के पत्थरों और दिव्य शिलाओं की। यह कहानी है कछुओं के महानतम संसार की। यह कहानी है कछुओं के महायुद्ध की। ‘जादुई पानी और आदमखोर बिल्लियाँ’ पाँच खण्डों में पैली ‘कछुओं का महायुद्ध’ महागाथा का पहला खण्ड है। इस खण्ड में कथा की शुरूआत प्रेमी युगल ‘राज और किरण’ से होती है जो अपना हनीमून मनाने निकले और घूमते-घूमते हिमालय के मध्य में बसे एक ऐसी नगरी में पहँुच जाते हैं जो आज भी खुद को मानवों की ऩजरों से छुपाये हुये है। यह अद्भुत नगरी है बोलते हुए कछुओं की जहाँ हर कछुए के जन्म का एक मात्र उद्देश्य है ‘अमृत-कलश’ की रक्षा। राज और किरण के उस अद्भुत नगरी में पहुँचने के बाद ऐसी घटनाओं का क्रम शुरू होता है जो महायुद्ध की शुरूआत का कारण बनता है। क्या राज और किरण का कछुओं की नगरी में पहुँचना संयोग मात्र था? क्या है जादुई पानी और आदमखोर बिल्लियों का रहस्य? महायुद्ध का क्या परिणाम हुआ?.