Description
सिराज फ़ैसल ख़ान की ग़ज़लों का पहला संकलन ‘कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद कà¥à¤› नहीं आता’ नाम से पहले ही ‘मंज़र-à¤-आम’ पर आ चà¥à¤•à¤¾ है। अब उनका दूसरा संकलन ‘परफà¥à¤¯à¥‚म’ आप तक पहà¥à¤à¤š रहा है। यह नज़à¥à¤®à¥‹à¤‚ का मजà¥à¤®à¥‚आ है। नौजवान शायर सिराज फ़ैसल के इस मजà¥à¤®à¥‚ठमें 40 से ज़ियादा नज़à¥à¤®à¥‡à¤‚ शामिल हैं और यह सà¤à¥€ नज़à¥à¤®à¥‡à¤‚ उनके हसà¥à¤¸à¤¾à¤¸ शायर होने की ताकीद करती है। यह नज़à¥à¤®à¥‡à¤‚ ‘Poetry with Purpose’ की ख़ूबसूरत मिसाल हैं।
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