Imroz Ki Amrita

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Description

एक महागाथा, सृष्टि के आरम्भ की। एक महागाथा, देवत्व के सृजन की। एक महागाथा, महानायक के अभ्युदय की। एक महागाथा, अतीत से वर्तमान की। अतीत जो हमारा था और वर्तमान जो हमारा है। क्या सम्बन्ध है दोनों का? मानवों की महात्वाकांक्षा से। त्रेता युग का महाज्ञानी, महापंडित और महातपस्वी जब वर्तमान में पुन: जन्म लेगा तो क्या होगा? उसकी इच्छायें, कलियुग की महात्वाकांक्षा तथा दृश्य और अदृश्य संसार की सभी शक्तियों में मची हलचल, ब्रह्माण्ड को या तो निगल जायेगी अथवा उसे बचाने आयेंगे त्रिदेव? उन्हें आना ही होगा; धर्म की स्थापना के लिए, अधर्म के विनाश के लिए। कर्म के बंधन को कौन तोड़ पाया है; क्या सती के प्रेम में शिव, धरा पर नहीं चले आये? क्या शक्र के प्रतिशोध ने उसे देवेन्द्र नहीं बना दिया? फिर, कुबेरनागा के प्रतिशोध का क्या होगा? महेश रामकृष्णन की अशांत आत्मा का क्या होगा? क्या होगा अंशभूता की इच्छाओं का? देवसेना के नारीत्व का? पुलत्स्य की संवेदनाओं का? रामेष्ट के समर्पण का और क्या होगा लोरी के प्यार का? प्रकृति का चुनाव मानव से देव बनने की महागाथा।

Book Details

Weight 110 g
Dimensions 0.3 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

ISBN

9789390944941

Pages

88

Binding

Paperback

Binding

Language

Hindi

Author

Rohan Kumar

Publisher

Redgrab Books

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