Description
“सà¥à¤µà¤¯à¤‚सिदà¥à¤§” पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मà¥à¤–र वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के धनी ‘छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी महाराज’ की जीवन गाथा है जिसे हम शिवगाथा कह सकते हैं, इस शिवगाथा का संपूरà¥à¤£ चितà¥à¤°à¤£ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€à¤¬à¤§à¥à¤¦ तरीके के साथ पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤·à¥€ विधा के साथ शिवाजी महाराज के माधà¥à¤¯à¤® से ही पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है। शिवाजी महाराज के समय बाहरी आकà¥à¤°à¤•à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤“ं के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤°à¤¾à¤à¤¾à¤µ के कारण à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ की मनोदशा गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की जंजीरों में बंध चà¥à¤•à¥€ होने के कारण सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° घोर निराशा का वातावरण था इस समय अपने ही लोग अपने लोगों पर जोर जà¥à¤²à¥à¤® ढा रहे थे और शà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ के लिठबाहरी आकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤“ं का खà¥à¤²à¤•à¤° साथ देकर अपनी मातृà¤à¥‚मि को निरादरित कर रहे थे à¤à¤¸à¥‡ समय में शिवाजी महाराज ने आम नागरिकों के मन में गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ से मà¥à¤•à¥à¤¤ होने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को अंकà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया । उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के खिलाफ लड़ने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया इसके लिठसà¥à¤µà¤¯à¤‚ शिवाजी महाराज ने अपना संपूरà¥à¤£ जीवन मातृà¤à¥‚मि की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया संपूरà¥à¤£ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में शिवाजी महाराज की कारà¥à¤¯ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ यà¥à¤¦à¥à¤§ नीति रणनीति कूटनीति आदि का विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ विवरण पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग अनà¥à¤¸à¤¾à¤° विविध आयामों के साथ किया गया है शिवाजी महाराज अपने संपूरà¥à¤£ जीवन में आज की परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° 24× 365 के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मातृà¤à¥‚मि की सेवा में तलà¥à¤²à¤¿à¤¨ में रहते थे । शिवाजी महाराज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठसà¤à¥€ कारà¥à¤¯ मील के पतà¥à¤¥à¤° होकर पाषाण की लकीर है जो की सृषà¥à¤Ÿà¥€ के अंत तक अपना वजूद रखने वाले हैं। à¤à¤¸à¥€ शिवगाथा का वरà¥à¤£à¤¨ करने के लिठपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• इतिहासकार को शबà¥à¤¦ कम पडना सामानà¥à¤¯ बात है। कम शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने के बावजूद “सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सिदà¥à¤§ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के 3 अंक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤ हैं- पà¥à¤°à¤¥à¤® अंक ‘सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की शपथ’, दूसरा अंक ‘विजय यातà¥à¤°à¤¾ की ओर’ और अंतिम à¤à¤¾à¤— ‘सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾’ के रूप में आपके सामने पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किठजा रहे हैं।
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