Description
‘तà¥à¤®à¤¸à¥‡ किसने पूछा’, सामाजिक घटनाओं और लेखक के खà¥à¤¦ के अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ पर आधारित कहानी संगà¥à¤°à¤¹ है। गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ कहानियों के माधà¥à¤¯à¤® से लेखक ने समाज की कड़वी सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ को कलमबदà¥à¤§ करने की कोशिश की है। अधिकतर कहानियाà¤, कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं से परे आज के यथारà¥à¤¥ के साथ आगे बà¥à¤¤à¥€ हैं, लेकिन कà¥à¤› में यथारà¥à¤¥ और फैंटसी का संशà¥à¤²à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ समà¥à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¤£ मिलता है। कृषà¥à¤£à¤¾ और कà¥à¤®à¥à¤¹à¥ˆà¥œà¥€ कहानियाà¤, आज की कà¥à¤°à¥‚र तथा नृशंस सामाजिक वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को, हृदय को दहलाने वाले ढंग से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करती हैं; वहीं, तà¥à¤®à¤¸à¥‡ किसने पूछा, समय लकड़हारा, तथा फेकà¥à¤† हरामी कहानियाà¤, यथारà¥à¤¥ के साथ ही साथ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं की फैंटसी लिठहà¥à¤ आगे बà¥à¤¤à¥€ हैं। उसà¥à¤®à¤¾à¤¨ खान की इन कहानियों में विषयवसà¥à¤¤à¥ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ विविधता है। इन कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता, इनका आपके आस-पास का होना है।
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