The struggle of my life

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Description

हमें, ज़िन्दगी के लगभग हर पल, समय के विरुद्ध एक तरह की लड़ाई लड़नी पड़ती है, इस लड़ाई को किसी भी कीमत पर जीतने के लिए हम अपनी सम्पूर्ण क्षमताओं के साथ इस तथाकथित ‘युद्ध’ में भाग लेते हैं। इस मुठभेड़ की विडम्बना यह है कि हम अच्छी तरह से जानते हैं कि इस युद्ध को हम हार जायेंगे, फिर भी हम लड़ते हैं, हम अंत तक लड़ते हैं, क्यों? क्योंकि यही वो क्षण होता है जब हम अपनी समस्त बौद्धिक क्षमताओं को भूलकर अपने दिल को अनुमति देते हैं कि वह हमारी पूरी दुनिया पर शासन करे। हम उम्मीद विश्वास रखते हैं उस आखिरी ‘टॉस’ में, जो परिणाम को बदल सकता है। हमारे मन, हृदय और आत्मा को उस ‘अज्ञात’ पर वो एक अंतिम विश्वास होता है और भीतर से आवाज़ आती है़ जो चीख-चीख कर हमसे कहती है, ‘शायद अब शायद अब शायद अब हम यह लड़ाई जीत जायेंगे।’ यह उपन्यास एक “संघर्ष त्रिकोण” के बारे में है; जहाँ एक युवा सौभाग्यवश या दुर्भाग्यवश ऐसी स्थिति पर पहुँचता है जहाँ उसे प्यार, करियर और सपने में से किसी एक को चुनना पड़ता है। यह पुस्तक सिर्फ एक उपन्यास नहीं है, बल्कि राजनीति की अनचाही बाधाओं और समाज के तथाकथित दोहरे मापदंडों से सजी एक भावुक यात्रा है। जिसमें कथा खुद ऐसे मुकाम पर पहुँचती है जहाँ ये तय कर पाना मुश्किल है कि इस पूरे सफर में अहम किरदारों ने क्या पाया और क्या खोया।

Book Details

Weight 300 g
Dimensions 0.8 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

Language

English

Binding

PaperBack

Pages

240

ISBN

9789387390355

Publication Date

2018

Author

Sachin chauhan

Publisher

Redgrab Books

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