Description
दà¥à¤·à¥à¤¯à¤‚त के पास सब कà¥à¤› था, वो सब जो à¤à¤• इंसान को जीने के लिठचाहिà¤| बस अगर कà¥à¤› नहीं था तो वो था ‘सà¥à¤•à¥‚न’| अपने माता-पिता की अकसà¥à¤®à¤¾à¤¤ मृतà¥à¤¯à¥ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उसके पास तो जैसे जीने की वजह ही नहीं बची थी| उसने à¤à¤• निरà¥à¤£à¤¯ लिया, अपनी देह-लीला समापà¥à¤¤ करने का निरà¥à¤£à¤¯| वो बस खà¥à¤¦ को ख़तà¥à¤® ही करने ही वाला था कि उसके à¤à¤• मितà¥à¤° ने उसको जीने की वजह दी| दà¥à¤·à¥à¤¯à¤‚त ने आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ का इरादा तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर अपने मितà¥à¤° को उसकी परेशानी से निकालने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से उसके घर जाने का फैसला किया| दà¥à¤·à¥à¤¯à¤‚त को पता à¤à¥€ नहीं था कि वो ‘कà¥à¤à¤‚ से निकल कर खाई में गिरने’ वाली कहावत को चरितारà¥à¤¥ करने निकल पडा है| उसके मितà¥à¤° देव के साथ हो रही असाधारण घटनाà¤à¤‚ किसी à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤ से समà¥à¤¬à¤‚धित लग रहीं थीं और हर गà¥à¥›à¤°à¤¤à¥‡ पल के साथ दà¥à¤·à¥à¤¯à¤‚त उनमें उलà¤à¤¤à¤¾ जा रहा था| शीघà¥à¤° ही दà¥à¤·à¥à¤¯à¤‚त à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ दोराहे पर खड़ा था जहां से आगे बढना उसके लिठलगà¤à¤— नामà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ हो गया| उसका मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ किसी साधारण आतà¥à¤®à¤¾ से नहीं था, उसके सामने करà¥à¤£-पिशाचिनी जैसी शकà¥à¤¤à¤¿ थी और उसको निलवंती गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ से जà¥à¤¡à¥€ किवदंतियों को à¤à¥€ सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¨à¤¾ था| ‘सà¥à¤•à¥‚न’ सिरà¥à¤« à¤à¤• उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ नहीं है, यह à¤à¤• चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ यातà¥à¤°à¤¾ है जो करà¥à¤£-पिशाचिनी से समà¥à¤¬à¤‚धित कई रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से परà¥à¤¦à¤¾ उठाती है| डर और रोमांच हर पनà¥à¤¨à¥‡ में शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से आपके दिल और दिमाग पर छा जाने वाला है|
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