Shab E Gham Ki Sahar Nahi Hoti

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Description

उर्दू शायरी को देवनागरी में लिप्यन्तरित और अनूदित करने की एक सुदीर्घ परम्परा हिन्दोस्तानी साहित्य में रही है। ये किताब साहित्यिक और भाषाई आवाजाही की उसी परम्परा का एक ताज़ा और उत्कृष्ट उदाहरण है। रियाज़ ख़ैराबादी उर्दू के उस्ताद शायरों में शुमार किये जाते हैं। विभिन्न आलोचकों और शायरों ने अपने लेखों-आलेखों में रियाज़ ख़ैराबादी के शेर बतौर उदाहरण पेश किये या अपनी बात की ताईद में बतौर सुबूत पेश किये हैं। उनकी शायरी क्लासिकल उर्दू शायरी के नये नमूने पेश करती है। रियाज़ ख़ैराबादी की हैसियत उर्दू अदब में सिर्फ़ शायर की ही नहीं है, बल्कि आधुनिक उर्दू पत्रकारिता को स्थापित और सुदृढ़ करने वाले चन्द अहम् नामों की फ़ेहरिस्त में शामिल रही है। उनकी ग़ज़लों का यह इंतिख़ाब शायरी के पाठकों को उर्दू ग़ज़ल का एक नया ही रंग दिखायेगा। रियाज़ ख़ैराबादी की ज़िंदगी के बारे में एक हल्की झलक सम्पादक की ओर से अपनी भूमिका में दी गयी है। ये झलक किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के मन को उद्वेलित कर सकती है। इस किताबी कारनामे को जनाब अजय नेगी ने अंजाम दिया है। वह इस वक़्त बी.ए. ऑनर्स (मनोविज्ञान) विषय के अन्तिम वर्ष के छात्र हैं। उन्हें उर्दू अफ़सानों और शायरी में विशेष रुचि है। मौजूदा दौर के जो युवा अपने काम और अपनी सलाहियत की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं, उनमें अजय नेगी प्रमुख हैं। जिस गम्भीरता और तन्मयता से उन्होंने इस किताब पर काम किया है उसे देखते हुए उनसे भविष्य के लिए बड़ी उम्मीदें की जा सकती हैं। अपनी सम्पादन यात्रा की शुरूआत ही उन्होंने रियाज़ ख़ैराबादी जैसे उस्ताद शायर के कलाम से की है। आगे उनसे इसी तरह के अहम कामों की उम्मीद की जायेगी। यह किताब शायरी और सम्पादन के स्तर पर किसी को निराश नहीं करेगी।

Book Details

Weight 238 g
Dimensions 0.6 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

Paperback

Pages

190

ISBN

9789391571320

Publication Date

2022

Author

Riyaz Khairabadi

Publisher

Anybook

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