Description
ये हिन्दी साहित्य की लेखकीय परंपरा और कविता की वाचिक परंपरा के मूर्धन्य रचनाकारों के साक्षात्कारों का संग्रह है। जिसमें उन रचनाकारों के साहित्यिक और वैयक्तिक जीवन के बहुत से अनछुए पहलू सामने आते हैं। इन प्रश्नों और उत्तरों की यात्रा में पाठकों को जीवन के बहुत से उतार चढ़ावों की संवेदनशील समझ प्राप्त होती है। रचनाकारों के इन साक्षात्कारों में व्यक्तित्व की गरिमा से अस्तित्व की महिमा तक कैसे नर्म और विनम्र अदा मिलती है । अलग अलग क्षेत्रों के ग्यारह रचनाकारों से साहित्य, समाज, संस्कृत, परिवेश और समय की समझ प्राप्त होती है। जितने सामान्य प्रश्न है उतने ही असाधारण उत्तर हैं। प्रत्येक साक्षात्कार व्यक्ति की चिंतन धारा का उजास प्रकट करता है। निश्चित ही ये पुस्तक उन पाठकों को बहुत रुचेगी जो रचनाकार के निजी जीवन से या उनके रचनात्मक मन से संवाद करना चाहते हैं।





