Kaustubh Anand Chandola 5 Books Combo Set

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Description

Chandravanshi / MRP: 250 / Pages: 328

Description: कुर्मांचल के चन्द्रवंशी राजाओं का स्वर्णिम युग राजा बाजबहादुर सन् 1638-1678 को माना जाता है। धीरे-धीरे इस राजवंश में सत्ता संघर्ष होने लगा तथा अन्य जातियों के प्रभाव एवं नियंत्रण में दुर्बल राजा आने लगे। अंतत: विधर्मी रुहेले पठानों ने कुर्मांचल पर आक्रमण कर कब्जा कर लिया। चन्द्रवंशीय राजा कल्याण चंद (सन् 1729-1748) एक अनुभवहीन राजा बना और अपने परामर्शदाताओं के नियंत्रण में रहा। इन परामर्शदाताओं ने इस माटी के माधो राजा के हाथों हजारों हत्याएँ करवाईं, सैकड़ों की आँखें निकलवाकर उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। कुर्मांचल के चन्द्रवंशीय राजाओं के कालखण्ड का सबसे काला पृष्ठ था जब सदैव से स्वतंत्र रहे कुर्मांचल देश पर विधर्मी रुहेले पठानों द्वारा अधिकार किया गया। धर्म व संस्कृति पर संकट था। बड़ी कठिनाइयों और राजा गढ़वाल के सहयोग से कुर्मांचल राज्य की पुन:स्थापना हो सकी। इस दौरान कुर्मांचलीय इतिहास किस तरह की त्रासदी से गुजरा और राजाओं की क्षमता, अक्षमता व प्रजा की पीड़ा व संवेदनाओं पर भावपूर्ण विश्लेषण करता है यह उपन्यास ‘चन्द्रवंशी’।

 

Samputi / MRP: 150 / Pages: 110

Description: उनका पहला उपन्यास ‘संन्यासी योद्धा’ जो सन् 2015 में प्रकाशित हुआ इतना चर्चित हो गया कि उसके अब तक तीन संस्करण निकल चुके हैं। अब उसका अंग्रेजी संस्करण भी प्रकाशनाधीन है। श्री चंदोला जी लेखन के अतिरिक्त पत्रिकाओं के संपादन तथा समाज सेवा में निरंतर संलग्न हैं। कई समाजसेवी संस्थाओं के वरिष्ठ पदों पर रहकर समाज की निरंतर सेवा कर रहे हैं। विगत वर्ष 2021 में उत्तराखण्ड राज्य ने श्री चंदोला जी को ‘उत्तराखण्ड भाषा संस्थान देहरादून’ के बोर्ड का सदस्य भी नामित किया है। जहाँ से वे साहित्यकारों और भाषा बोली के उत्थान हेतु प्रयासरत हैं। वे निरंतर लेखन कार्य में जुड़े हैं ‘संपुटी’ नामक कविता संग्रह अभी कुछ दिन पूर्व ही प्रकाशित हुआ है और शीघ्र ही उनके नये उपन्यास पाठकों के हाथों में होंगे।

 

Sanyasi Yodha / MRP: 350 / Pages: 339

Description: सत्ता के लिए सदैव संघर्ष होते रहे। जब राजा कमजोर हो जाता है, उसके चारों और उसके लालची, महत्वाकांक्षी चाटुकार या रिश्तेदार उसको घेर लेते हैं और अपने लाभ के लिए वह प्रजा पर विभिन्न तरह अत्याचार करते हैं, उनका शोषण करते हैं। ऐसी परिस्थिति में किसी नायक को इन सब से मुक्ति दिलाने के लिए आगे आना पड़ता है, उसे कष्ट भी सहन करने पड़ते हैं, अंततः सत्य की जीत होती है। इसी परिपेक्ष में उत्तराखंड में न्याय के देवता कहे जाने वाले स्थानीय महानायक गोलू देवता ,गोरिया की कहानी प्रसिद्ध है । उसी कहानी को उपन्यास का रूप देते हुए यह जीवन गाथा लिखी गई है। जो भेदभाव, छुआछूत, ऊंच-नीच आदि को समाप्त करते हुए न्याय का राज्य स्थापित करता है इसीलिए यह नायक पूजनीय बन जाता है।

 

Garm Raakh / MRP: 200 / Pages: 128

Pret Maa / MRP: 200 / Pages: 128

Book Details

Weight 1033 g
Pages

1033

Author

kaushtubh Anand Chandola

Binding

Language

Hindi