Description
इकà¥à¤•à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ सदी के इकà¥à¤•à¥€à¤¸à¤µà¥‡à¤‚ साल की बेहतरीन ग़ज़लें’ रमेश ‘कà¤à¤µà¤²’ का तीसरा संकलित à¤à¤µà¤‚ संपादित ग़ज़ल संगà¥à¤°à¤¹ है। इस ग़ज़ल संगà¥à¤°à¤¹ में 100 से अधिक शायरों की 4 सालिम बहरों के अलावा अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ बहरों में लगà¤à¤— 500 ग़ज़लें शामिल की गयी हैं। इसे कोरोना में साथ छोड़ने वाले शायरों, अदीबों के नाम मंसूब किया गया है। इस ग़ज़ल संगà¥à¤°à¤¹ में सà¤à¥€ शायरों के फ़ोटो, उनकी जीवन संगिनी के साथ यà¥à¤—ल फ़ोटो, दिवंगत शायरों के फ़ोटो और उनके मशहूर कलाम आकरà¥à¤·à¤£ के केंदà¥à¤° हैं। सà¤à¥€ फ़ोटो आरà¥à¤Ÿ पेपर पर मलà¥à¤Ÿà¥€ कलर में हैं। यह 2021 में कही गयी ग़ज़लों का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¥› है जिसमें शायरों के निवास के शहर/राजà¥à¤¯, उनकी जनà¥à¤®à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿, परिणय तिथि समेकित कर पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के अंत में दिया गया है। जीवन संगिनी को मंसूब उनके शे’र à¤à¥€ कलमबदà¥à¤§ किये गठहैं।
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