Bhoot Ki Sawari

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Description

भूत की सवारी नामक आलेख से मैंने पाठकों तक यह सन्देश पहुँचाने का प्रयास किया है कि भूतकाल में चाहे धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, कलात्मक, सांस्कृतिक या अन्य कोई शासन पद्धति सरीखा महत्वपूर्ण विषय हो, वह वर्तमान में सब कुछ बदल गया है। फिर भी हम कुछ प्रचलनों से ऐसे बँधेहुये हैं कि आज अनुपयोगी होते हुये भी छोड़ना नहीं चाहते, कारण चाहे अज्ञानता हो या भय। भूतकाल में शिक्षा सर्वसुलभ न होने के कारण जो भी नियम-क़ायदेतत्समय बने उन सभी की उपयुक्तता वर्तमान शिक्षित समाज में असमन्वय के कारण क्षीण हो गयी है। उदाहरणार्थ अब देव-दासी-प्रथा स्वतः समाप्त होने के कारण वह विकसित समाज में धर्म का हिस्सा नहीं रही। भूत व वर्तमान के प्रचलनों के समन्वय का स्वाद कहीं-कहीं उसी तरह हो जाता है जैसा कि शकर एवं क्विनाइन सम भाग में मिलाने पर। आप समझ गये होंगे कि ऐसे स्वाद की अब समाज को आवश्यकता नहीं है। यथार्थ, व्यवहार में कटु लेकिन परिणाम में मीठा होता है, अत: मेरा मन्तव्य भी यही है कि हम लोग भूतकाल की अनिवार्य मान्यताओं को छोड़कर अनुपयुक्त प्रचलनों को अलविदा कह, वर्तमान में रह, समाज को मधुर स्वाद प्रदान करें। मेरे इस आलेख में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहयोग करने वाले परिजनों, मित्रों, एवं पाठकों को हार्दिक साधुवाद।

Book Details

Weight 97 g
Dimensions 8.5 × 5.5 × 8.5 in
Author

B. L. Yadav

Binding

Edition

First

ISBN

9788119562244

Language

Hindi

Pages

97

Publication Date

26 September 2024

Author

BL yadav

Publisher

Anjuman Prakashan