Aawaz Me Lipti Khamoshi

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Description

आवाज़ में लिपटी ख़ामोशी’ अपनी नौईयत की मुनफ़रिद किताब है जो पूरी – की – पूरी पेश लफ़्ज़ भी है, बायोग्राफ़ी भी है, तहसीने-फ़िक्रो-फ़न भी है और एक मुहब्बतकार का गुलज़ार जी के लिए अदबी अक़ीदत-नामा भी है। मैं इसे गुलज़ार की ज़िंदगी का तवील-तरीन दीबाचा कहूँगा, जिसे ‘गुलशेर बट’ ने एक ऐसी किताब का रूप दे दिया है जिसमें लिखा हुआ तो पढ़ा ही जा सकता है, लेकिन लिखे से ज़्यादा अनलिखा यानी बैनुस्सुतूर और पसे-अल्फ़ाज़ भी इतना कुछ है जिसे हर ज़ीहिस क़ारी बा-आसानी गुलज़ार जी से अपनी-अपनी मुहब्बत को अल्फ़ाज़ में ढलते हुए देख सकता है। ये किताब एक ऐसा कैप्सूल है जिसे निगलते ही आपके अंदर गुलज़ार की शख़्सियत और शायरी का नशा भर जाता है। बिला शुबहा गुलज़ार एक ऐसे फ़नकार हैं जिनके फ़न की ख़ुशबू सरहद के दोनों अतराफ़ में यकसाँ फैली हुई है। एक तरफ़ गुलज़ार का वतन है और दूसरी तरफ़ उनका मुल्क। गुलशेर ने इस हक़ीक़त को फ़िक्शन बना दिया है और कमाल बेसाख़्तगी से, दिल को छू लेनेवाले जज़्बात भरे, मगर तख़्लीक़ी पैराये में एक फ़नकार की ज़िंदगी के छोटे-बड़े तल्ख़-ओ-शीरीं वाक़िआत और उसकी फ़न्नी तहसीलो-तक्मील के अमल को बयान कर दिया है। मुझे तो ये किताब हक़ीक़त, फ़िक्शन, सरगुज़िश्त, फ्लैश-बैक, रिपोर्ताज, तअस्सुराती तन्क़ीद और हल्के-फुल्के ज़ाती फ़ल्सफ़े का ख़ूबसूरत इम्तिज़ाज लगती है, जिसकी आख़िरी सत्र तक पहुँचकर पढ़नेवाला सोच में पड़ जाता है कि गुलज़ार जी को ख़िराजे-तहसीन पेश किया जाये या गुलशेर को। मेरी दानिस्त में गुलशेर ने उर्दू अदब में एक नयी सिन्फ़ ही बना डाली है। – -नसीर अहमद नासिर

Book Details

Weight 240 g
Dimensions 0.6 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

ISBN

9789390944002

Pages

192

Binding

Paperback

Binding

Language

Hindi

Author

Gulsher batt

Publisher

Redgrab Books

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