Description
आवाज़ में लिपटी ख़ामोशी’ अपनी नौईयत की मà¥à¤¨à¤«à¤¼à¤°à¤¿à¤¦ किताब है जो पूरी – की – पूरी पेश लफ़à¥à¤œà¤¼ à¤à¥€ है, बायोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤¼à¥€ à¤à¥€ है, तहसीने-फ़िकà¥à¤°à¥‹-फ़न à¤à¥€ है और à¤à¤• मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤à¤•à¤¾à¤° का गà¥à¤²à¥›à¤¾à¤° जी के लिठअदबी अक़ीदत-नामा à¤à¥€ है। मैं इसे गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° की ज़िंदगी का तवील-तरीन दीबाचा कहूà¤à¤—ा, जिसे ‘गà¥à¤²à¤¶à¥‡à¤° बट’ ने à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ किताब का रूप दे दिया है जिसमें लिखा हà¥à¤† तो पढ़ा ही जा सकता है, लेकिन लिखे से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अनलिखा यानी बैनà¥à¤¸à¥à¤¸à¥à¤¤à¥‚र और पसे-अलà¥à¤«à¤¼à¤¾à¤œà¤¼ à¤à¥€ इतना कà¥à¤› है जिसे हर ज़ीहिस क़ारी बा-आसानी गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° जी से अपनी-अपनी मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ को अलà¥à¥žà¤¾à¥› में ढलते हà¥à¤ देख सकता है। ये किताब à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ कैपà¥à¤¸à¥‚ल है जिसे निगलते ही आपके अंदर गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° की शख़à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¤ और शायरी का नशा à¤à¤° जाता है। बिला शà¥à¤¬à¤¹à¤¾ गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ फ़नकार हैं जिनके फ़न की ख़à¥à¤¶à¤¬à¥‚ सरहद के दोनों अतराफ़ में यकसाठफैली हà¥à¤ˆ है। à¤à¤• तरफ़ गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° का वतन है और दूसरी तरफ़ उनका मà¥à¤²à¥à¤•à¥¤ गà¥à¤²à¤¶à¥‡à¤° ने इस हक़ीक़त को फ़िकà¥à¤¶à¤¨ बना दिया है और कमाल बेसाख़à¥à¤¤à¤—ी से, दिल को छू लेनेवाले जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤ à¤à¤°à¥‡, मगर तख़à¥à¤²à¥€à¥˜à¥€ पैराये में à¤à¤• फ़नकार की ज़िंदगी के छोटे-बड़े तलà¥à¥™-ओ-शीरीं वाक़िआत और उसकी फ़नà¥à¤¨à¥€ तहसीलो-तकà¥à¤®à¥€à¤² के अमल को बयान कर दिया है। मà¥à¤à¥‡ तो ये किताब हक़ीक़त, फ़िकà¥à¤¶à¤¨, सरगà¥à¥›à¤¿à¤¶à¥à¤¤, फà¥à¤²à¥ˆà¤¶-बैक, रिपोरà¥à¤¤à¤¾à¤œ, तअसà¥à¤¸à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥€ तनà¥à¤•à¤¼à¥€à¤¦ और हलà¥à¤•à¥‡-फà¥à¤²à¥à¤•à¥‡ ज़ाती फ़लà¥à¤¸à¥žà¥‡ का ख़ूबसूरत इमà¥à¤¤à¤¿à¥›à¤¾à¤œ लगती है, जिसकी आख़िरी सतà¥à¤° तक पहà¥à¤à¤šà¤•à¤° पà¥à¤¨à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¤¾ सोच में पड़ जाता है कि गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° जी को ख़िराजे-तहसीन पेश किया जाये या गà¥à¤²à¤¶à¥‡à¤° को। मेरी दानिसà¥à¤¤ में गà¥à¤²à¤¶à¥‡à¤° ने उरà¥à¤¦à¥‚ अदब में à¤à¤• नयी सिनà¥à¤«à¤¼ ही बना डाली है। – -नसीर अहमद नासिर
Reviews
There are no reviews yet.
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.