Description
किताब के बारे में – हम कितने à¤à¥€ बड़े हो जाठलेकिन बचपन का पà¥à¤¯à¤¾à¤° हमारे दिल के किसी कौने में हमेशा के लिठबस जाता हैं | वह पà¥à¤¯à¤¾à¤° किसी को सà¥à¤•à¥‚ल में, किसी को कोचिंग में तो किसी को पड़ोस में मिलता हैं | इस कहानी के मà¥à¤–à¥à¤¯ किरदार वीर को वह पà¥à¤¯à¤¾à¤° सà¥à¤•à¥‚ल में मिला | उसके बाद उसने à¤à¥€ बाकी पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की तरह अपनी कà¥à¤²à¤¾à¤¸ की सबसे खà¥à¤¬à¤¸à¥‚रत साथी मीरा के साथ जिनà¥à¤¦à¤—ी जीने के सपने संजोठ| मीरा ने à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ ही कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ की, लेकिन परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¸à¥€ बनी की दोनों के सपने अधूरे रह गठ| कà¥à¤¯à¤¾ दोनों à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ से मिल पाà¤à¤à¤—े ? या वीर जो डिपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ का शिकार हो गया हैं वह मीरा तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ से पहले ही कà¥à¤› कर बैठेगा ? जानने के लिठपà¥à¤¿à¤¯à¥‡ किताब आख़िरी पनà¥à¤¨à¤¾ | P.S – वीर, हर वो इंसान हैं जिसे किशोर अवसà¥à¤¥à¤¾ में पà¥à¤¯à¤¾à¤° हà¥à¤† या उसका à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ हà¥à¤† | मीरा हर वो लड़की हैं जिसने किशोर अवसà¥à¤¥à¤¾ में अपने पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ के साथ जिंदगी बसर के खूब सारे सपने सजाठ|
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