Prithvi ke chhor par
13
May
इस पुस्तक में डॉ. शरदिन्दु मुकर्जी ने, उन यात्राओं के दौरान हुए अपने विभिन्न अनुभवों को साझा किया है। जटिल वैज्ञानिक तथ्यों से बोझिल न होकर अपनी रोचकता लिये पुस्तक में वर्णित तमाम घटनाक्रम, सभी वर्ग और वय के पाठकों के लिए रोमांचक कहानी की तरह ही नहीं, बल्कि भविष्य के अभियात्रियों के लिए मार्गदर्शक की तरह भी है।