Haveli Ka Adbhut Rahasy
13
May
“जैकाल ये क्या खेल खेल रहा है तू, कहीं मेरा भेजा घूम न जाये और तेरी जिन्दगी पर विराम यहीं लगाना पड़े। रास्ता बता कमीने।” भीषण गर्जना थी उसकी ध्वनि में। सम्पूर्ण वातावरण मानों काँप रहा था। सहसा जैकाल ने चकमा देते हुए अलंकार को जोर का धक्का दिया, जिससे अलंकार के हाथों से रिवाल्वर छूटकर दूर जा गिरा। अलंकार …