Vasundhara Pukarti

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Description

“अन्तरात्मा के आन्तरिक सतह से निकली ये पंक्तियाँ आग में परिशुद्धित सोने की तरह है। लंबे अध्यापन के अनुभव के पश्चात तथा देश के विभिन्न प्रांतों में कार्य करने के पश्चात जो अनुभव मेरे मन में व्यापते गये वे कविता का रूप लेते गये।
आज का परिवेश अनेक समस्याओं को लेकर आलोड़ित हो रहा है। देश के युवा भ्रमित सा हो रहे हैं। अपनापन, भाईचारा, देश के प्रति कर्तव्यों को एक आलोकित करती ये कविताएँ आने वाले समय में मिल का पत्थर साबित होंगी।
छात्र-छात्राओं के जीवन को और उनके जीवन शैली को हमे अत्यंत ही समीप से देखने परखने का सुअवसर प्राप्त हुआ है और उनकी भावनाओं को एक सही दिशा मिले और वे अपने को विभिन्न प्रकार के उन्मादों से अलग रखकर देश के लिए समर्पित हो जाएँ। इस दिशा में मेरी ये रचनाएँ बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी।
आज के युवा वर्ग अपने माता-पिता से एक अपरोक्ष दूरी बनाये रखते हैं जो कि किसी भी तरह से भारतीय संस्कृति और संस्कार को सुशोभित नहीं करते। माँ-बाप के प्यार और समीपता को याद दिलाती ये कविताएँ बालकों के मन में पत्थर पर एक अनमिटे लकीर की तरह साबित होंगी।
धर्म के नाम पर भेद-भाव के बढ़ते वैमन्यता रूपी काले बादल को सूर्य के प्रकाश की तरह प्रकाशमय कर देंगी। जहाँ से अँधेरा छट जायेगा और जीवन में प्रकाश ही प्रकाश व्याप्त हो जायेगा।
आज की युवा पीढ़ी का जीवन सुचारू रूप से चले और आदर्श का पर्याय बने, इस दिशा में वसुंधरा पुकारती एक अनमोल रचना है। इसमें संस्कृति और संस्कार के महत्व पर बहुत ही अधिक बल दिया गया है तथा दूसरी ओर रुढ़वादिता पर करारा प्रहार किया गया है। इसका बीजारोपण अगर बालकों के मन में अंकुरित हो जाए तो वह आदर्श की सारी परिकल्पनाओं में बहुत ही व्यापकता के साथ सौंदर्य को अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में स्थापित कर पायेगा।
हृदय गहराइयों से निकली ये कविताएँ भारत और वर्तमान के सामाजिक ढाचा को गढ़ने में महत्वपूर्ण साबित होंगी। इसमें अपने धर्मों को मानने की आजादी तो है, मगर देश से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। परोपकार और मानवता से बढ़कर कोई महानता नहीं है। रूढ़िवादिता के जंजीरों से मुक्त करने की कलुषित मानसिकता तोड़ती ये पुस्तक “वसुंधरा पुकारती” जरूर पढ़ें और अपने बालक-बालिकाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित करें। आपकी प्रेरणा और हमारा परिश्रम एक साथ मिलकर नये भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य करेगा।”

Book Details

Weight 313 g
Dimensions 0.8 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

Paperback

Pages

250

ISBN

9789391531331

Publication Date

Saturday, September 10, 2022

Author

Manoj Chaturvedi

Publisher

Anjuman Prakashan

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