Description
रामपà¥à¤° के जंगलों में बनी तक़रीबन 500 साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ वरà¥à¤§à¤®à¤¾à¤¨ हवेली, अपने अनà¥à¤¦à¤° बहà¥à¤¤ राज़ छà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥‡ हà¥à¤ थी। उस हवेली को ख़रीदने-बेचने का लालच और उसके आसपास बसे जंगलों में ग़लत वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° करने वाले लोगों को कितनी बड़ी सज़ा और किस रहसà¥à¤®à¤¯à¥€ ढंग से à¤à¤• के बाद उससे जà¥à¥œà¥‡ लोग मरने लगते हैं ये सब इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में है। à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•à¤¾ जो कई जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ से अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤° को पाने के लिठतड़प रही है कà¥à¤¯à¤¾ उसे इस जनà¥à¤® में अपना पà¥à¤¯à¤¾à¤° हासिल होगा और वो अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤° को पाने के लिठकिस हद तक चली जायेगी, कितने लोगों को मौत के किनारे लगा देगी ये सब है वरà¥à¤§à¤®à¤¾à¤¨ हवेली नामक इस रोमांचक उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में ।
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