Description
लॉकडाउन के कारण à¤à¤• मलà¥à¤Ÿà¥€à¤¨à¥‡à¤¶à¤¨à¤² कंपनी के पास बैठने वाले मोची नरेश का काम-धंधा बंद हो गया. मà¥à¤•à¥‡à¤¶ के कारखाने पर ताला लटक गया, सो उसे अपनी बूà¥à¥€ माठको कनà¥à¤§à¥‡ पर लादकर पैदल ही दिलà¥à¤²à¥€ से गाà¤à¤µ निकलना पड़ा. महेश चोरी करता था, लेकिन आजकल वो à¤à¥€ बेरोजगार है. उधर, सोहनलाल जी के पास à¤à¥€ शराब की आखिरी बोतल बची है. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤› समठनहीं आ रहा है कि बोतल का ढकà¥à¤•à¤¨ खोलें या सिरà¥à¤« उसे निहारते रहें. कोरोना वायरस के डर के कारण मोहलà¥à¤²à¥‡ के लोगों ने à¤à¥€ अपने घर के दरवाजे बंद कर रखे हैं, जिसके कारण शेरू à¤à¥‚ख से बेहाल है. कोई उसे रोटी ही नहीं डाल रहा है. कॉलेज बंद होने के कारण आदितà¥à¤¯ अपनी पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•à¤¾ से नहीं मिल पा रहा है. सबकी अपनी तकलीफें हैं और अपने संघरà¥à¤·… पर सà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤·à¤¿à¤¤ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ के लिठतो यह ‘गोलà¥à¤¡à¤¨ चांस’ है. वह कोरोना वायरस की दवा की खोज में लग गठहैं. à¤à¤¸à¥€ ही बीस रोचक, थोड़ी हà¤à¤¸à¤¾à¤¨à¥‡ और थोड़ी रà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ वाली कहानियाठइस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का हिसà¥à¤¸à¤¾ हैं. इन कहानियों के किरदार आप, मैं कोई à¤à¥€ हो सकता है.
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