Description
Prabhaas / Author: Trushar / MRP: 200 / Pages: 72
Description: इस संग्रह की लघुकथाएँ पौराणिक दर्शन से होते हुए रक्तरंजित इतिहास में प्रवेश करती हैं लेकिन इन संदर्भों का उपयोग सामयिक समस्याओं का हल ढूंढने के लिए कैसे किया जाए उसका भी मंथन करती हैं। १. अच्युतानंतगोविंद प्रभास क्षेत्र में श्री कृष्ण के लीला समापन की घटना के साथ जीवन की जटिल समस्याओं में घिरे मनुष्य का मनोवैज्ञानिक निरूपण किया गया है। २. प्रणय निवेदन ‘सुख’ के पीछे भागते आधुनिक मानव को यह कथा ‘आनंद’ की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करती है। ३. मेरे सोमनाथ सोमनाथ की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर हमीर जी के शौर्य का वर्णन करती कहानी आपको सोमनाथ मंदिर के शिल्प वैभव का भी रसपान कराती है। ४. यहाँ क्या हुआ था? यह कथा शिल्प, शिलालेखों और स्थापत्य के अनुपम उदाहरणों के माध्यम से सोमनाथ के इतिहास का वर्णन करती है। ५. शिक्षित अशिक्षित अपनी जडों से दूर होती जा रही युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति और विरासत की पहचान कराती यह पाठकों को एक अज्ञात मंदिर की यात्रा पर ले जाती है। ६. वह अमावस्या की रात संग्रह की अंतिम कहानी में एक खलनायक के मानस परिवर्तन का प्रसंग लिखा गया है।
Khwahisho Mein Bhi Khayalon Mein Bhi / Author: Pranay Kumar / MRP: 175 / Pages: 172
Description: इस किताब में वे बातें हैं जो अक्सर मेरे ख़्वाबों में आते रहे हैं और उनका ख़याल करते-करते आज उन ख़्वाबों ने कहानियों का रूप ले लिया है। हर कहानी मानवीय संवेदनाओं को झकझोरते हुए सामाजिक मानसिकता पर चोट करती है एवं उन विषयों को उजागर करती है जो आज भी हमारे गाँव एवं शहर के इर्द-गिर्द घूम रही है और समाज उन्हें ढोता आ रहा है। इस दुनियाँ में किसी छोर पर ऐसे परिवार हैं जो गरीब है, मगर उनमें अथाह प्रेम है और किसी छोर पर ऐसे भी परिवार का वास है, जो एक-दूसरे के हक को हढ़पने में लगे हैं। परिवार बिखरता जा रहा है, प्रेम मरता जा रहा है। ऐसी ही कई विचारों से सनी दस कहानियाँ किताब में हैं। इसमें शतरंज भी है और चालें भी। षड्यंत्र भी है और जिम्मेदारियाँ भी हैं। प्रेमी है और विधुर भी। अपराध है और न्याय भी। इसमें गुजरता समय है और समय की तलाश भी। कई सवाल हैं और सवालों के जवाब भी।.
Topi / Author: Sekhar Shashank / MRP: 200 / Pages: 192
Description: लॉकडाउन के कारण एक मल्टीनेशनल कंपनी के पास बैठने वाले मोची नरेश का काम-धंधा बंद हो गया. मुकेश के कारखाने पर ताला लटक गया, सो उसे अपनी बूढ़ी माँ को कन्धे पर लादकर पैदल ही दिल्ली से गाँव निकलना पड़ा. महेश चोरी करता था, लेकिन आजकल वो भी बेरोजगार है. उधर, सोहनलाल जी के पास भी शराब की आखिरी बोतल बची है. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि बोतल का ढक्कन खोलें या सिर्फ उसे निहारते रहें. कोरोना वायरस के डर के कारण मोहल्ले के लोगों ने भी अपने घर के दरवाजे बंद कर रखे हैं, जिसके कारण शेरू भूख से बेहाल है. कोई उसे रोटी ही नहीं डाल रहा है. कॉलेज बंद होने के कारण आदित्य अपनी प्रेमिका से नहीं मिल पा रहा है. सबकी अपनी तकलीफें हैं और अपने संघर्ष… पर स्वघोषित वैज्ञानिक श्रीनिवासन के लिए तो यह ‘गोल्डन चांस’ है. वह कोरोना वायरस की दवा की खोज में लग गए हैं. ऐसी ही बीस रोचक, थोड़ी हँसाने और थोड़ी रुलाने वाली कहानियाँ इस पुस्तक का हिस्सा हैं. इन कहानियों के किरदार आप, मैं कोई भी हो सकता है.
Ab Pallavi Azad Thi / Author: Surya Kumar Upadhyay/ MRP: 200 / Pages: 168
Description: इस किताब के ज़रिये लेखक ने ज़िन्दगी को क़रीब से देखने-समझने की कोशिश की है। शीर्षक कहानी ‘अब पल्लवी आज़ाद थी’ समाज में महिलाओं की अभिव्यक्ति की आज़ादी की अवधारणा को पुख्ता करती है। बात करें अगर व्यवहारिक या पारिवारिक संबंधों की तो इसे अपने नज़रिये से देखना नीरस काम हो सकता है लेकिन जब इन्हीं संबंधों को दुनिया के चश्मे से देखना हो तो सोच का दायरा और गूढ़ और रोमांचक हो जाता है। कहानी ‘नागिन चाय’ की बात करें तो भावनात्मक और भौतिकवादी दोनों ही तरह का नज़रिया रखने वालों के लिए इस कहानी को पढ़ना अनिवार्य सा लगेगा। कहानी ‘ पारो और चंन्द्रमुखी’ अपने अंदर कहीं हास्य रस, रौद्र रस, श्रृंगार रस तो कहीं करूण रस और अद्भुत रस को बारीकी से समेटे हुए है। लाचार पति की बेबसी की अनुभूति लेनी हो या पति-पत्नी के बीच तीखी नोंक-झोक के तड़के का एहसास करना हो या फिर अल्हड़ प्यार के साथ-साथ शुद्ध देसी रोमांस के मिज़ाज का मज़ा लेना हो तो ‘दिल उल्लू का पट्ठा’ जैसी कहानी आपके अंदर सोई हुई रूमानियत को जगाने का काम करेगी और आपके दिल को रोमांचित भी करेगी। युवा पीढ़ी की प्यार के करिश्माई अनुभवों को भी इस कहानी संग्रह में ख़ास तवज्जो दी गई है। इश्क़ के लिए प्रेरित करती कहानियों के साथ ‘लव ३६’ जैसी कहानी महानगरों में पनपने वाले अतरंग विवाहेत्तर संबंधों के विलक्षण तरीक़ों से पाठकों को रूबरू कराएगी। इस कहानी संग्रह में शामिल कहानियों में महज़ अल्हड़ता ही नहीं छिपी है बल्कि ‘एवरबेस्ट गिफ्ट’ जैसी कहानी भावना प्रधान लोगों की आँखों को बार-बार भिगोने का काम करेगी।
Garm Raakh / Author: Kaustubh Anand Chandola/ MRP: 200 / Pages: 132