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Description

चाय बागानों के ढलान से उतरकर महीन खुशबू सी नौ बरस की सस्सी, जब हर रोज़ महंती बाबू से मिलती तो उनकी दी हुई चमकीली पन्नी में लिपटी लॉलीपॉप पाकर बेहद ख़ुश हो जाती। लेकिन रिवायत की शर्त के चलते उसे दार्जिलिंग से दूर हॉस्टल जाना पड़ा और इस ख़बर ने महंती बाबू को वहाँ भेज दिया जहाँ से कोई लौटकर नहीं आता। सस्सी ने उनकी याद को दिल के किसी अनजान कोने में द़फ्ना दिया। नतीजतन, उनकी शक्ल ज़ेहन में कहीं खो गई जिसे वह तमाम उम्र तस्वीरों में उकेरने की कोशिश करती रही। उम्र जवाँ हुई तो तक़दीर ने भी अंगड़ाई ली, सस्सी ने खुद को सिक्किम की बाहों में पाया। जहाँ एक फौजी अ़फसर उसकी ज़िन्दगी में शामिल तो हुआ लेकिन त़कदीर का हिस्सा न बन सका। सस्सी ने सिक्किम से दामन छुड़ाया तो दिल्ली ने हाथ पकड़ लिया। हँसता-खेलता राज उसकी ज़िन्दगी में बतौर फ्लैटमेट दा़िखल हुआ। जो एक मजबूरी का नतीजा था, और साथ ही एक ऐसा अजीबो-गरीब इत्ति़फा़क जिसकी कड़ियाँ तारी़ख में 1965 के एक नाकाम फौजी मिशन से जुडी थीं।

Book Details

Weight 250 g
Dimensions 0.7 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

PaperBack

Pages

200

ISBN

9789387390607

Publication Date

2019

Author

Rajveer singh prajapati

Publisher

Redgrab Books

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