Description
उनका पहला उपन्यास ‘संन्यासी योद्धा’ जो सन् 2015 में प्रकाशित हुआ इतना चर्चित हो गया कि उसके अब तक तीन संस्करण निकल चुके हैं। अब उसका अंग्रेजी संस्करण भी प्रकाशनाधीन है। श्री चंदोला जी लेखन के अतिरिक्त पत्रिकाओं के संपादन तथा समाज सेवा में निरंतर संलग्न हैं। कई समाजसेवी संस्थाओं के वरिष्ठ पदों पर रहकर समाज की निरंतर सेवा कर रहे हैं। विगत वर्ष 2021 में उत्तराखण्ड राज्य ने श्री चंदोला जी को ‘उत्तराखण्ड भाषा संस्थान देहरादून’ के बोर्ड का सदस्य भी नामित किया है। जहाँ से वे साहित्यकारों और भाषा बोली के उत्थान हेतु प्रयासरत हैं। वे निरंतर लेखन कार्य में जुड़े हैं ‘संपुटी’ नामक कविता संग्रह अभी कुछ दिन पूर्व ही प्रकाशित हुआ है और शीघ्र ही उनके नये उपन्यास पाठकों के हाथों में होंगे।
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