Description
Ghazal Ki Babat /Author: Prabhat Sinha / MRP: 200 / Pages: 204
Description: इस पुस्तक को ग़ज़ल का ककहरा सीखने वालों के लिए मानक ग्रन्थ कहा जा सकता है। कई संस्करण तथा हज़ारों की संख्या में बिक चुकी यह किताब विशेषकर देवनागरी में ग़ज़ल कहने वालों के लिए किसी उस्ताद से कम नहीं है। नए सीखने वालों की तलाश इस पुस्तक पर आकर ख़त्म होती है क्योंकि अब वे स्वयं अपनी ग़ज़लों की इस्लाह कर सकते हैं। ग़ज़ल के बारे में देवनागरी में बिखरा-बिखरा बहुत कुछ ज्ञान मिल जाता है लेकिन बहुत सी अंदरूनी बातें नहीं मिलतीं जो इस पुस्तक में आ गयी हैं। यह ‘ग़ज़ल की बाबत’ का पेपरबैक संस्करण है जिसमें सभी मूल पाठों को रखा गया है।
Chhand Manjari /Author: Saurabh Pandey / MRP: 200 / Pages: 128
Geet Lekhan Kaise Karen ? /Author: Prabhat Sinha / MRP: 200 / Pages: 192
Description: “गीत लेखन कैसे करें ? . इस पुस्तक के माध्यम से मैंने यह समझाने का प्रयास किया है कि हमारे नवोदित गीतकार/शायर/कवि किस तरह फ़िल्मी गीत सृजित करें ! उनको इस राह में आने वाली अड़चनों से अवगत कराने का मेरा प्रयास है। जैसे कि हम शब्दों की खोज कैसे करें ? गीत का स्थायी व अन्तरे केंसे लिखें? गीत लेखन में किन-किन बातों का हमें ध्यान रखना है ? एक गीत में रिदम का महत्व क्या है ? फिल्म जगत में आने वाले तमाम तरह के गीतों जैसे – रोमेंटिक या प्रेम गीत हास्य,दर्द भरे,लोकगीत आधारित, कव्वाली और सूफियाना, प्रान्तीय,विदेशी धुनों पर आधारित गीत क्या होते हैं और कैसे लिखे जाते हैं? साथ ही अपने लिखे गीतों का प्रचार प्रसार नये – नये माध्यमों से कैसे करें ? अपने गीत की प्रस्तुति कैसे करें? जनसामान्य तक अपनी प्रतिभा कैसे पहुँचायें ? इसके अतिरिक्त भी बहुत सी ऐसी जानकारियाँ इस किताब के माध्यम से जुटाने का मेरा प्रयास है जो आपको अन्यत्र नहीं मिल पायेंगी । फिल्म जगत में रुचि रखने वाले नये-पुराने सभी महानुभावों के लिये यह एक सूत्र का काम करेगी।”