Description
‘अंत में धरà¥à¤® की विजय होती है।’, à¤à¤¸à¤¾ इसलिठकहा जाता है ताकि अनà¥à¤¤à¤¿à¤® परिणाम को नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‹à¤šà¤¿à¤¤ ठहराया जा सके। वसà¥à¤¤à¥à¤¤: राजनीति में ‘विजय ही धरà¥à¤®â€™ है। राजकà¥à¤² में सतà¥à¤¤à¤¾ ही सतà¥à¤¯, धरà¥à¤® और नैतिकता है। जब हम इसका अवलोकन, महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ के सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में देखते हैं, तो सतà¥à¤¤à¤¾ के कà¥à¤šà¤¾à¤² सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो जाते हैं। धरà¥à¤® के नाम पर, वचन के नाम पर, और राजà¥à¤¯ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के नाम पर जितने अधरà¥à¤® कà¥à¤°à¥à¤µà¤‚श में किये गये, उसका अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤° उदाहरण मिलना दà¥à¤·à¥à¤•à¤° है। गंगापà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€à¤·à¥à¤® – जिनके संरकà¥à¤·à¤£ में दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ को परिवारी जनों के सामने नगà¥à¤¨ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया, à¤à¤•à¤²à¤µà¥à¤¯ का अà¤à¤—ूठा कटवा लिया जाता है, दà¥à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤§à¤¨ को à¤à¤• उदà¥à¤¦à¤£à¥à¤¡, हठी चरितà¥à¤° बनाकर घृणा का पातà¥à¤° बना दिया जाता है, इतना बड़ा नरसंहार होता है, और कà¥à¤°à¥ कà¥à¤² का विनाश हो जाता है, वह गंगापà¥à¤¤à¥à¤°, काल के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ सामने अधीर हैं, किनà¥à¤¤à¥ काल के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उनके शरीर में बाणों की तरह धà¤à¤¸à¥‡ हैं, जिनका उतà¥à¤¤à¤° उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देना ही है, ताकि आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ जान सकें, कि धरà¥à¤® की ओर कौन सा पकà¥à¤· था। दरबारी इतिहासकारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जो लिखा होता है, वह मातà¥à¤° सतà¥à¤¤à¤¾ का महिमामणà¥à¤¡à¤¨ होता है, इसके अतिरिकà¥à¤¤ कà¥à¤› नहीं। सतà¥à¤¤à¤¾ के इतर लिखने वालों को सतà¥à¤¤à¤¾ समापà¥à¤¤ कर देती है, नहीं तो यह कैसे हो सकता है कि जयसंहिता में जो कà¥à¤› आठहजार आठसौ शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ में लिखा गया, उसे बà¥à¤¾à¤•à¤°, à¤à¤• लाख शà¥à¤²à¥‹à¤• का महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ बना दिया जाता है। सतà¥à¤¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ धरà¥à¤® और सतà¥à¤¯ को, जाने कितने कà¥à¤·à¥‡à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ की दीवारों में चà¥à¤¨à¤µà¤¾ दिया गया। कà¥à¤²à¤ªà¥à¤°à¤®à¥à¤– धृतराषà¥à¤Ÿà¥à¤° और à¤à¥€à¤·à¥à¤® के पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ में आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• à¤à¤•à¤°à¥‚पता है| à¤à¤• का दà¥à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤§à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿, तथा दूसरे का पाणà¥à¤¡à¤µà¥‹à¤‚ के लिठआगà¥à¤°à¤¹ है। ‘बोलो गंगापà¥à¤¤à¥à¤°!’ में काल, अपने कपाल पर लिखे सतà¥à¤¯ का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€à¤·à¥à¤® से कराता है। अबकी बार कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अरà¥à¤œà¥à¤¨ नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ मृतà¥à¤¯à¥à¤œà¤¯à¥€ गंगापà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€à¤·à¥à¤® दà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हैं, सवालों के घेरे में हैं। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•, संवाद के कà¥à¤°à¤® में है, जिसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लेखक ने सामानà¥à¤¯ लौकिक मानवीय पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ को अतà¥à¤¯à¤‚त सहजता से उठाया है, और उसके सरलतम उतà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से देने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है।
Reviews
There are no reviews yet.
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.