Description
“हैशटैग आशिकी†नाम से ज़ाहिर होता है कि इसके हर हिसà¥à¤¸à¥‡ में इशà¥à¥˜ ही होगा| यह सोच पनà¥à¤¨à¤¾ दर पनà¥à¤¨à¤¾ धà¥à¤‚धली होती जाà¤à¤—ी| किताब में कहानियों के सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤¦ को रखा गया है| यह किताब हर à¤à¤• के हिसà¥à¤¸à¥‡ का कà¥à¤› न कà¥à¤› समेटे हà¥à¤ है| जब “हैशटैग आशिकी†के लिठकहानियों का चयन किया जा रहा था तो खà¥à¤¯à¤¾à¤² रखा गया इसमें हर वह मसाला हो जो हमारी जà¥à¤¬à¤¾à¤¨ के हर सà¥à¤µà¤¾à¤¦ को उà¤à¤¾à¤° सके मगर कà¥à¤¯à¤¾ करें मिरà¥à¤š कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही हो गई| इसलिठआंसà¥à¤“ं का आना à¤à¤•-आध जगह लाज़िमी है| इस किताब की कई कहानियों पर डाकà¥à¤¯à¥‚मेंटà¥à¤°à¥€ और फिलà¥à¤® बनने के à¤à¥€ बीज बोठजा चà¥à¤•à¥‡ हैं| जलà¥à¤¦ ही वह à¤à¥€ सामने होगा| किताब की कà¥à¤› कहानियां जो इशà¥à¥˜ से जà¥à¥œà¥€ हैं वह इशà¥à¤• में असफल होने पर à¤à¥€ सफल हैं| कà¥à¤› में लेखक ने हद दरà¥à¤œà¥‡ का आवारापन दिखाया है, लगता है कि कलम पकड़ कर इसे मिलवा ही दें| कोई कहानी सीधे मौजूदा हालत को चोट करती है तो कोई कहानी समाज के टूटते हà¥à¤ ताने बाने को जोडती है| लेखक का पà¥à¤°à¥‡à¤® पर हद दरà¥à¤œà¥‡ का à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ है| उसे हर समसà¥à¤¯à¤¾ का हल पà¥à¤°à¥‡à¤® में ही दीखता है| इसलिठकिताब में कà¥à¤› कहानी हमारे समाज की पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ आपसी पà¥à¤°à¥‡à¤® की बà¥à¤¨à¤¾à¤µà¤Ÿ के टूटने पर मरहम रखती हैं तो कà¥à¤› खोखले होते इंसान के हलके होते वज़न को बतलाती हैं| लेखक का मानना है जो किताब हमें सà¥à¤µà¤¾à¤¦ न दे, जो किताब हमें रासà¥à¤¤à¤¾ न दिखाठऔर जो किताब हमे सच से आंखे फेर लेने को कहे वह किताब ही कहाठबस शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का ढेर à¤à¤° है| â€à¤¹à¥ˆà¤¶à¤Ÿà¥ˆà¤— आशिकी†हर उस à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ को छेड़ती है जिसे à¤à¤• मासूम दिल चाहता है| दिल की हर हरकत की तरह इसमें ठहाके, आंसू, मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¹à¤Ÿ, फ़िकà¥à¤° और बिंदास आवारापन पिरोया हà¥à¤† है|
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