Fikr Ki SidhiyaN

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Description

“डॉ. ‘कुमार’ प्रजापति की एक ख़ूबी है जो मुझे ज़ाती तौर पर बहुत पसन्द है और उनकी तारीफ़ करने को मजबूर करती है वो ये है कि उनकी बेश्तर ग़ज़लों में एक ख़ुशकुन उस्लूबी तहारत है और ग़ज़लों को सजाने, सँवारने का ख़ूबसूरत सलीक़ा है। फ़िक्रो-फ़न की नयी मंज़िलों पर पहुँचने के लिए डॉ. ‘कुमार’ ने लफ़्ज़ों का पीछा नहीं किया। लफ़्ज़ों की भरमार से अपनी शायराना हनक बढ़ाने की कोशिश नहीं की बल्कि अपने मिज़ाज और मौज़ूआत से मुताबक़त रखने वाले पुराने लफ़्ज़ों से नये-नये मआनी पैदा करने की बिसात-भर कोशिश की है जिसमें वो कामयाब भी हुए।”
-डॉ. अंजुम बाराबंकवी“अब तो ग़ज़ल ही डॉक्टर कृष्ण कुमार प्रजापति का उठना-बैठना, सोना-जागना बन गया है। मानो ये ग़ज़ल की अनंत यात्रा पर निकले हुए शायर हैं। इनकी भावनाएँ, इनकी संवेदनाएँ, इनकी सोच इनके सपने सब-कुछ ग़ज़ल ही बन गये हैं।”
-अजय प्रजापति

Book Details

Weight 523 g
Dimensions 1.4 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

Hardcover

Binding

Pages

418

ISBN

9789391571078

Publication Date

2021

Author

Dr. Krishna Kumar Prajapati

Publisher

Anybook

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