Description
‘फ़िकà¥à¤°-à¤-तमाम’ डॉ. कृषà¥à¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ जी के ग़ज़ल-समगà¥à¤° का à¤à¤¾à¤—-दो है। इस à¤à¤¾à¤— में उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गये अनेकों ग़ज़ल-संगà¥à¤°à¤¹ में से चार संगà¥à¤°à¤¹ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं, à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं की बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤, संवेदनाओं के इंदà¥à¤°à¤§à¤¨à¥à¤·, धूप ही धूप और ख़à¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶à¥‹à¤‚ का मेला। अब डॉ. कà¥à¤®à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ जी का पूरा ग़ज़ल समगà¥à¤° पाठकों के समकà¥à¤· है।
Reviews
There are no reviews yet.
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.