Chandalon ka pratishodh (Kosal gatha Series Part 1)

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Description

सत्ताओं के संघर्ष से आहत और वर्णभेद से विभाजित समाज व्यापक पतन की ओर अग्रसर है। सत्तालोलुप आर्य सम्राट निषादों के राज्य हड़प रहे हैं। षड्यंत्रकारी महंत और सामंत धर्मग्रंथों की मनमानी व्याख्या कर रहे हैं। दमित और पीड़ित चांडाल वर्ग का आक्रोश विप्लव का रूप ले रहा है। इसी पाश्र्व में यदुवंशी सम्राट रुद्रसेन और उसके पुरोहितों का षड्यंत्र सुंदर-सौम्य ब्राह्मण युवती शत्वरी को एक चंचल प्रेमिका से रक्तपिपासु चांडाल योद्धा बना देता है। आहत और अपमानित शत्वरी एक ऐसा मायावी यंत्र खोज निकालती है जिसमें अलौकिक शक्तियाँ छुपी हुई हैं, परन्तु प्रतिशोध की ज्वाला में जलती शत्वरी स्वयं उस यंत्र पर मँडराते अभिशाप में जकड़ जाती है। दूसरी ओर युवा निषाद राजा नील, नगरवधू वैशाली, गणिका अमोदिनी और यदुवंशियों के चिरशत्रु रघुवंशी भी रुद्रसेन के विरुद्ध घात लगाए बैठे हैं। कितनी कठिन है शत्वरी की उस मायावी यंत्र को ढूँढने की यात्रा? कौन सी जादुई शक्तियाँ छुपी हैं उसयंत्र में? वह कौन सा अभिशाप है जो इन शक्तियों का आवाहन करने वाले को जकड़ लेता है? क्या शत्वरी इस अभिशाप से सुरक्षित बाहर निकल पाएगी? क्या यदुवंशियों के अन्य शत्रु शत्वरी के संघर्ष में उसका साथ देंगे? या कथानक का अंत एक भीषण महासमर में होगा?

Book Details

Dimensions 5.5 × 8.5 in
ISBN

9789390944705

Edition

First

Language

Hindi

Pages

276

Author

Sandeep Nayyar

Publisher

Redgrab Books

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