Description
à¤à¤• बचà¥à¤šà¤¾ जो दोपहरी के सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¥‡ में चबूतरे पर बैठढेर सारे सवालों को बà¥à¤¨à¤¤à¤¾ और उनके हल ढूà¤à¥à¤¨à¥‡ के लिठपतंग के पीछे-पीछे à¤à¤¾à¤—ता जहाठसे उसे सिरा मिल जाता उस डोर का जो उसे अपने दिमाग़ के बà¥à¤²à¥ˆà¤• होल में ले चले, उन सिरों को सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ वह बंदर बन जाता तो कà¤à¥€ नाà¤à¤µ पर बैठदूसरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में चला जाता जहाठउसे काले अकà¥à¤·à¤° à¤à¥ˆà¤‚स बराबर नहीं लगते, जहाठवो गà¥à¤²à¥à¤²à¥€ डंडा खेलता लेकिन गà¥à¤²à¥à¤²à¥€ के पेड़ में अटक जाने पर वो अपने अघोषित दोसà¥à¤¤ को बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ बिना उसे आवाज़ लगाठवो दोसà¥à¤¤ à¤à¤Ÿà¤ªà¤Ÿ दौड़ता हà¥à¤† आता गà¥à¤²à¥à¤²à¥€ निकाल वो उसे बाबा से मिलने के लिठले जाता, लेकिन वो डर के मारे चूहा बन वहाठसे à¤à¤¾à¤— खड़ा होता और जंगल à¤à¤¾à¤— जाता। जंगल में बंदर की चालाकी देख वो गधे के काà¤à¤§à¥‡ पर बैठअसली à¤à¥‡à¥œà¥‹à¤‚ के शहर आ जाता जहाठवो à¤à¤• घर की दोछतà¥à¤¤à¥€ को अपना घर बनाता जिसकी छत से रात को ओरियन सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤¸ दिखते। लेकिन बाबा के कहीं खो जाने की वजह से वो घोड़े की तरह दौड़ता हà¥à¤† बà¥à¤²à¥ˆà¤• होल में घà¥à¤¸ जाता और सà¥à¤•à¥‚न से दोपहरी के सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¥‡ की सायà¤-सायठको सà¥à¤¨à¤¤à¤¾ तारों में उलà¤à¥‡ माà¤à¤à¥‡à¤‚ को देख।
Reviews
There are no reviews yet.
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.