Bagheli Chhand Bidhan

300.00


In stock

SKU: MMC-9789391531195 Categories: , ,

Description

रातिउ-दिन बराबर साहित्य के सेबा मा मन से लगन लगाए, निकहा के जनबहा कबि – कमलापति ‘गौतम कमल ‘ दुआरा लिखी गइ ‘बघेली छंद बिधान’ अपने घूँटी केर भाखा बघेली मा अकूत जनबही के ब्याकरनिक किताबि बनी हइ।’बघेली छन्द बिधान’ माहीं अपने लोकभाखा केर महकि हइ। ई अबय तक के काम से आनमेर है। लोकभाखा केर रंग बहुत गाढ़ अउ चटक होत है। एक बेरकी रंगान त रंगान।हरबी त नहिन छूटय। लोक सबदिनहूँ कल्यान सोचत है। लोकभाखा केर साहित्य सोचे केर कम आँखी के दीख अउ काने के सुना रहत हय।जउन गाबा गा उआ जिन्दगी के राग आय।लोकभाखा केर साहित्य छन्द केर साहित्य रहा है अउ अबहिनउ है।लोकभाखा त थिरान पानी कस साफ- साफ रहत ही, उहयमेर ओकर सिरजन रहत है। बघेली मा कबिता, कहानी, नाटक, उपन्यास, उखान आदि का लइ के काम भा हय अउ होत लाग है, पइ छन्द केर काम इया पहिल काम आय। बहुत दूर तक ” बघेली छन्द बिधान ” के बाति होई। एंह छन्द बिधान की किताबि माहीं, मातरिक अउर वरनिक 300 से अधिक छन्दन केर जनबहई बिधान बताइक निजी उदाहरनन से सजाबा ग हबइ। 300 से अधिक पृष्ठन की एंह किताबि मा बघेली बोली माहीं कमला पति गौतम केर पसीना गारे क फल साफ साफ देखात लाग हइ। कृति का डा0 विकास दबे जी निदेशक साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश के सहित 6 अउर नामचीन साहित्य बिदुआनन केर सुभकामना संदेश हबइ।

Book Details

Weight 369 g
Dimensions 1 × 5.5 × 8.5 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

Paperback

Binding

Pages

295

ISBN

9789391531195

Publication Date

2021

Author

Kamala Pati Gautam

Publisher

Anjuman Prakashan

Reviews

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.