Description
जी ! ‘2020 की नà¥à¤®à¤¾à¤‡à¤‚दा ग़ज़लें’ के संपादन के दौरान à¤à¤• से बà¥à¤•à¤° à¤à¤• ख़ूबसूरत ग़ज़लों की चाà¤à¤¦à¤¨à¥€ में नहाने और विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ बहरों की धूप में मन सà¥à¤–ाने का मौक़ा मिला। बचपन में जब रेडियो पर दिलकश आवाज़ में रोमांटिक गीत सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में मगन रहता था तब नहीं पता था कि नग़à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤—ारों को à¤à¤¸à¥‡ गीत लिखने के लिठकितनी परेशानियों से गà¥à¥›à¤°à¤¨à¤¾ पड़ता होगा। गीत सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के साथ ही सपने बà¥à¤¨à¤¨à¥‡ à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚ हो गये। बहर की बाक़ायदा तालीम तो आज तक नहीं पा सका लेकिन रेख़à¥à¤¤à¤¾ और गूगल के दौर में ज़रूरी जानकारियाठआतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ करता रहा। जी में आया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं चà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤¾ बहरों में दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को ग़ज़ल कहने की ज़हमत-à¤-सà¥à¥™à¤¨ दूà¤à¥¤ तरही मà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤°à¥‡ तो पहले से होते आये हैं। इन पर अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने से शे’र कहने की सलाहियत में निखार आता है। कà¥à¤› लोग परेशान à¤à¥€ हो जाते हैं। अनेक नामवर शायरों ने किसी के मिसरा-à¤-तरह पर ग़ज़ल कहने में अपने मेयार की तौहीन समà¤à¥€à¥¤ कà¥à¤› ने कहा कि वे तरही ग़ज़ल नहीं कहते तब मैंने उसà¥à¤¤à¤¾à¤¦-à¤-मरहूम हफ़ीज़ बनारसी के मिसरा-à¤-तरह पर तरही ग़ज़ल कहने की दावत-à¤-सà¥à¥™à¤¨ देने के साथ-साथ निमà¥à¤¨ 4 सालिम बहरों का इनà¥à¤¤à¤–़ाब किया ।
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