Description
मौलिकता का à¤à¥à¤°à¤® पाले आकà¥à¤² अनà¥à¤¤à¤° अपने को अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ कर कम से कम शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में
समेट लेना चाहता है पर à¤à¤• सीमा है, जो असीम होना चाहती है। ससीम और असीम की à¤à¥€
à¤à¤• मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है। मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ का अतिकà¥à¤°à¤®à¤£ अराजकता को जनà¥à¤® देता है। इससे बचते हà¥à¤ महाà¤à¤¾à¤°à¤¤
की उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• परिवेश में इसकी उपयोगिता संबंधी तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर समसामयिक
संदृषà¥à¤Ÿà¤¿ पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ करने की कोशिश है। कोशिश तो कोशिश है। पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ की à¤à¤• यातà¥à¤°à¤¾ है। इस यातà¥à¤°à¤¾ में
मैंने जहाठà¤à¥€ जिस रूप में कà¥à¤› पाया उसे जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं, आतà¥à¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से नहीं, à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• परिवेश
में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की माटी, वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, नदी-तालाब, सरेह सीवान और à¤à¤• ओर जहाठअगणित आखर
में अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ उतà¥à¤¤à¥à¤‚ग शिखरों से संवाद साधने की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ की है. वहीं पर शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² चरितà¥à¤°
के साथ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त वà¥à¤¯à¤¾à¤¸-वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ शबà¥à¤¦ शरीर-धारियों और उनके कैवलà¥à¤¯ शरीर से
साधनातà¥à¤®à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ को अनà¥à¤¤à¤°à¤¸à¥à¤¥ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के साथ जोड़कर परोसने की कोशिश की है। साधिकार
कà¥à¤› दावा नहीं कर सकता पर इतना जरूर है कि 'दैवी à¤à¤¾à¤µà¤°à¤¯à¥‡ वाहकं à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤‚ à¤à¤¾-रतं à¤à¤µà¥‡à¤¤à¥¤
करोतॠनिखिलं विशà¥à¤µà¤®à¥ à¤à¤¯à¤®à¥à¤•à¥à¤¤à¤‚ निरामयमॠ।।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ दैवी à¤à¤¾à¤µ का संवाहक है। यह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¯ हो उसे समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ को à¤à¤¯à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ और
नीरोग बनाये। इसी परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ विशà¥à¤µà¤•à¤¾à¤µà¥à¤¯ है। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में उलà¥à¤²à¤¿à¤–ित अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में कà¥à¤·à¤°
मानव को अकà¥à¤·à¤° बनाने का, उस राह में दो कदम चलने चलाने के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ की à¤à¤• छोटी सी
à¤à¥‚मिका है।
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